रिपोर्ट- संजना प्रियानी
मध्य प्रदेश में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है यहां के हालात दिल्ली जैसे होते जा रहे हैं। बुधवार को प्रदेश के उज्जैन का एक्यूआई 392 तक पहुंच गया जो की बहुत खतरनाक स्थिति मानी जा रही है। ऐसे में चिकित्सक बुजुर्ग और बच्चों को बाहर निकलने से मना कर रहे हैं। क्योंकि बच्चों और बुजुर्गों की इम्युनिटी काफी कम होती है जिससे उन्हें इन्फेक्शन और दूसरी बीमारियां होने का डर बना हुआ है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 13 नवंबर के सुबह 11 बजे के आंकड़े कई शहरों की आवोहवा के मामले में चिंता में डालने वाली रही। मध्यप्रदेश के कई शहरों की हवा की क्वालिटी औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप से भी खराब है।
प्रदेश प्रमुख शहरों का एक्यूआई
उज्जैन – 392
सिंगरौली – 326
सागर – 349
मंडीदीप – 318
जबलपुर – 312
इंदौर – 381
ग्वालियर – 306
भोपाल – 381
जाने क्यों बढ़ रहा प्रदूषण
मध्य प्रदेश पॉल्यूशन बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने बताया कि प्रदूषण का असर तापमान घटने के बाद दिखाई देता है। दीपावली और सर्दी बढ़ने के बाद वातावरण में धूल, धुंआ और हानिकारक गैसों के कणों की अधिकता होने से यह हवा को प्रदूषित करते हैं। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर बढ़ जाता है। सर्दियों में हवा का घनत्व बढ़ जाता है और तापमान कम होने से यह नीचे रह जाते हैं। प्रदेश के शहरी इलाकों में आधुनिकीकरण के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और पर्यावरण की अनदेखी हो रही है, यह उसका ही नतीजा है।