मध्य प्रदेश में प्रशासन की देख रेख में फल फूल रहा है अवैध उत्खनन ,माफियाओं की ढाल बना प्रशासन

खरगोन ,प्रदीप कुमार गांगले 

जिले में बेतहाशा हो रहे रेत, गिट्टी ओर मुरम के अवैध उत्खनन ओर परिवहन को लेकर खबर सूत्र शासनहित में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है। लगातार खबरों के प्रकाशन के बाद खनिज माफिया में हड़कंप है, वहीं प्रशासनिक नुमाइंदों में बौखलाहट है। विगत कई दिनों से अनोखा तीर खनिज माफिया के खिलाफ शासन- प्रशासन हित मे अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहा है। रेत, गिट्टी तथा मुरम के अवैध उत्खनन और परिवहन पर नकेल कसने का प्रयास कर रहा है, लेकिन ये दायित्व पुरजोर प्रयासों के बाद भी नाकाफी साबित हो रहा हैं। कहने को तो मीडिया जगत को शासन-प्रशासन और आमजन के बीच सेतु की संज्ञा दी जाती है लेकिन खरगोन जिले में खासकर खनिज संपदा को सहेजने की दिशा में प्रशासन और मीडिया के बीच सेतु की बजाय बड़ी खाई दिखाई पड़ती है। अवैध खनिज उत्खनन को लेकर मीडिया खबरें प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ठ करता जरूर है लेकिन ज़िम्मेदार प्रशासनिक मुलाज़िम खनिज माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय उनका संरक्षण करने का काम करते हैं। हाल ही में ऐसे हालात सामने आये थे जब खरगोन मुख्यालय के समीप पोकलेन ओर कई डंपर लगा कर खुलेआम सरकारी पहाड़ी पर अवैध मुरम का उत्खनन किया जा रहा था जब इस बात की जानकारी मीडिया को लगी और खनिज विभाग को अवगत कराया जहाँ से हर बार की तरह से इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। खनिज निरीक्षक रीना पाठक ने मौके पर जाना भी उचित नही समझा। एसडीएम ओर तहसीलदार के छुट्टी पर होने से राजस्व की कार्यवाही नही हो सकी पटवारी ने सब माना ओर कहा में छोटा कर्मचारी हूँ मेरे बस में कुछ नही है। मौके से सेकड़ो डंपर अवैध उत्खनन कर टेमला में नवनिर्मित हो रही नयनतारा कालोनी में मुरम डल चुकी है अब देखना यह है कि मुखिया ओर अफसर क्या नयनतारा कालोनी पर कार्यवाही कर पाते है या वही ढाल के तीन पात मुहावरा चरितार्थ होगा।  

कलेक्टर गलियारे के सूत्रों के अनुसार मीडिया ने मामले के बारे में जब कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को जानकारी दी तो उन्होनें खनिज अमले को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दे दिये इस निर्देश को खनिज अधिकारी सावन चौहान ने हवा में उड़ा दिया।उल्टा खनिज माफियाओं को सूचना देकर सतर्क कर दिया ये पहला मामला नही है सेकड़ो बार सावन चौहान ने मुखिया को गुमराह किया है । चौराहे पर चर्चा आम है कैसे एक अदना सा अधिकारी आईएएस को चला सकता है। कलेक्टर कर्मवीर को अब खनिज विभाग पर लगाम कसना होगी और ठोस कदम उठाना होगा । खनिज विभाग के सावन चौहान की इमेज तो बची नही इनकी कारगुज़ारियों ओर कार्यप्रणाली से आईएएस की छवि भी धूमिल हो रही है ।

 

 *राजधानी में मची हलचल :* जिले में अवैध खनिज उत्खनन के खिलाफ प्रशासन के उदासीन रवैये को देखते हुए खबरों की छायाप्रति सहित वास्तविक तथ्यों के साथ कागज़ का एक पुलिंदा राजधानी पहुंच गया है। राजधानी में प्रमुख सचिव ओर खनिज संचालक कार्यालय में खरगोन जिले में खनिज विभाग में चल रही अनियमिताओं और खनिज अधिकारी सावन चौहान की कारगुजारियों की जानकारी पहुंच चुकी है। जानकारी के मुताबिक उच्च अधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद खनिज अधिकारी ने खनिज माफिया को कार्रवाई से बचाने के लिये सचेत कर दिया ।

 

 *सीएम हेल्पलाईन में लीपापोती होगीः* खनिज विभाग में अवैध खनिज उत्खनन व परिवहन से संबंधित सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। जिला कलेक्टर ने खनिज अधिकारी को अवैध उत्खनन पर सख्त कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए,कार्यवाही करने के बजाए खनिज अधिकारी सावन चौहान ने माफियाओ के सरदार को हमेशा की तरह सूचना देकर सतर्क कर दिया। खनिज निरीक्षक ओर सावन ने कई शिकायतो पर झूठा ओर गोलमाल जवाब देकर शिकायतों को बंद करने की कोशिश की जा रही है पुर्व की तरह इस बार भी विभाग की ग्रेडिंग बचाने के कलेक्टर को गुमराह करके शिकायत को फोर्स क्लोज करने का प्रयास किया जायेगा। अब देखना यह है कि जिले के मुखिया कब तक अपने मातहत अधिकारी से गुमराह होते रहे ।

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