उत्तर प्रदेश -लखनऊ
ब्यूरो रिपोर्ट
लखनऊ: लखनऊ में इंदिरानगर से मरीज को लेकर सिद्धार्थनगर जा रहे ऐंबुलेंस चालक और उसके साथी ने रास्ते में मरीज की पत्नी से अश्लील हरकतें करते हुए यौन शोषण किया और रेप की कोशिश की। बीमार पति और भाई के साथ महिला रास्ते भर चीखती चिल्लाती रही। बचने के लिए लड़ी भी, लेकिन आरोपित हरकतों से बाज नहीं आए। ऐंबुलेंस चालक ने बस्ती जिले में महिला और उसके भाई को उतारने के साथ ही उसके बीमार पति को नीचे फेंक दिया और भाग निकला। मामले की जानकारी पाकर बस्ती जिले की पुलिस पहुंची और बीमार युवक को गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचवाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। राजधानी के गाजीपुर थाने की पुलिस ने एक सप्ताह बाद पीड़ित महिला की तहरीर पर चालक और उसके करीबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले एक शख्स को उसकी पत्नी और साले ने इंदिरानगर स्थित एक निजी अस्पताल में 28 अगस्त को भर्ती करवाया था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने से परिवार ने बीमार शख्स को घर ले जाने के लिए हॉस्पिटल से 29 अगस्त को डिस्चार्ज करवा लिया। वहां से शाम करीब 6:30 बजे ऐंबुलेंस से बीमार पति को भाई के साथ लेकर महिला ऐंबुलेंस से सिद्धार्थनगर के लिए रवाना हुई।
गाजीपुर थाने की पुलिस को दी तहरीर में महिला ने बताया कि ऐंबुलेंस में चालक के साथ उसका एक साथी भी था। रास्ते में एक पेट्रोल पंप पर चालक ने ऐंबुलेंस में पेट्रोल भरवाया। महिला का आरोप है कि वहीं पर चालक ने कहा कि आप आगे बैठ जाइए, क्योंकि रात का समय है। आप आगे बैठी रहेंगी तो पुलिस रोकेगी नहीं। ऐंबुलेंस चालक की बगल वाली सीट पर उसका साथी और महिला बैठ गई। महिला का आरोप है कि बाराबंकी से आगे बढ़ते ही चालक और उसके साथी ने उनके साथ अश्लील हरकत करना शुरू कर दिया। आरोपियों ने उनसे रेप का भी प्रयास किया। आरोपितों से बचने के लिए वह रास्तेभर चीखती रही। उनका भाई और बीमार पति भी शोर मचाते रहे, लेकिन ऐंबुलेंस की खिड़कियों का शीशा बंद होने की वजह से उनकी आवाज बाहर नहीं जा सकी और आरोपित उनसे अश्लील हरकतें करते रहे। आरोपी रेप करने में कामयाब नहीं हुए तो बस्ती जिले में छावनी के पास स्थित प्रगति पौधशाला के सामने ऐंबुलेंस रोक दी और बीमार पति को सड़क पर फेंक दिया और लूटपाट कर भाग गए।
भाई बचाने आया तो उसे भी किया लॉक
पीड़िता का कहना है कि पौधशाला के पास आरोपितों ने जैसे ही ऐंबुलेंस रोकी तो पीछे पति के साथ बैठा पीड़िता का भाई उन्हें बचाने के लिए उतरकर आगे आया। तब तक आरोपितों ने उसे अगली सीट पर धकेल कर दरवाजा लॉक कर दिया था। महिला का आरोप है कि भागते समय आरोपितों ने उनके पर्स में रखे दस हजार रुपये, पायल, मंगलसूत्र, आधार कार्ड व हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के पर्चे तक छीन लिए।
बस्ती जिला अस्पताल से भेजा गया था गोरखपुर
पौधशाला के पास ही पीड़िता के भाई ने यूपी-112 और 108 नंबर पर सूचना दी तो पुलिस और ऐंबुलेंस मौके पर पहुंची। छावनी थाने की पुलिस भी वहां आ गई। पुलिस ने ऐंबुलेंस से मरीज को बस्ती जिला अस्पताल भिजवाया और महिला को अगले दिन तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए बुलाया था। बस्ती जिला अस्पताल से डॉक्टरों ने मरीज को गंभीर हालत में देख उसे गोरखपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। 30 अगस्त को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई थी।
ऐंबुलेंस मालिक ने बताया किराए का विवाद
मरीज की पत्नी से रेप के प्रयास और अश्लील हरकत किए जाने के मामले में ऐंबुलेंस मालिक का कहना है कि ऐंब्ुलेंस उन्नाव के मौरावां निवासी सूरज लेकर गया था। उसके साथ उनका दोस्त ऋषभ था। 30 अगस्त को फैजाबाद के अमानीगंज में उसकी परीक्षा थी, इसीलिए वह चालक के साथ बैठकर चला गया था। ऐंबुलेंस मालिक का कहना है कि रेप के प्रयास, अश्लील हरकत और लूटपाट का आरोप गलत है। दरअसल, मरीज को 200 किमी तक ले जाने के लिए ऐंबुलेंस तय की गई थी। सिद्धार्थनगर जाने पर 300 किमी से अधिक दूरी हो रही थी, इसीलिए बस्ती पहुंचने पर 200 किमी का आंकड़ा पूरा होने पर चालक ने शुल्क और मांगा। इसी को लेकर विवाद हुआ तो वह मरीज को उतारकर चला आया था।