नई दिल्ली: जस्टिस एएम खानविल्कर की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 9वीं / 11 वीं फेल स्टूडेंट्स के री-टेस्ट की अनुमति देने के लिए आईसीएसई बोर्ड को निर्देश देने की याचिका खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि वह आईसीएसई को फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश नहीं दे सकता क्योंकि बोर्ड इस संबंध में निर्णय लेने के लिए उपयुक्त है. कोर्ट ने ये भी कहा कि एक पुनर्विचार याचिका के लिए सीबीएसई का निर्णय अपनी इच्छा पर था. बोर्ड उसमें अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रहा था.
बता दें कि मई में सीबीएसई बोर्ड ने कहा था कि कोरोना काल के चलते लॉकडाउन में जो बच्चे अपने स्कूल एग्जाम में पास नहीं हो पाए हैं, वो और ज्यादा अपसेट हैं. बड़ी संख्या में अभिभावकों की समस्याएं सीबीएसई बोर्ड तक पहुंच रही हैं.
इन्हीं सब वजहों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला लिया है कि इस साल 9वीं और 11वीं में फेल छात्रों को स्कूल आधारित टेस्ट की सुविधा दी जाएगी. ये मौका उन छात्रों को दिया जाएगा जिनके एग्जाम पूरे हो गए हैं और रिजल्ट आ गए हैं या उनके एग्जाम पूरे नहीं हो पाए हैं. ये टेस्ट सब्जेक्ट और उनके अटेंप्ट के आधार पर लिए जाएंगे.
सीबीएसई ने कहा कि स्कूल ऐसे बच्चों से दोबारा संपर्क करके उनके ऑनलाइन या ऑफलाइन या इनोवेटिव टेस्ट कराएंगे और ये तय करेंगे कि उन्हें टेस्ट के आधार पास किया जा सकता है या नहीं. इसके लिए स्कूल बच्चों को तैयारी का उचित समय भी देंगे. ये नियम सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों पर लागू होगा.
सीबीएसई ने अपने नोटिफिकेशन में ये भी स्पष्ट किया था कि ये मौका सिर्फ इसी साल दिया गया है. ये फैसला कोविड 19 के हालातों को देखते हुए लिया गया है जो कि भविष्य में मान्य नहीं होगा.