खूबसूरत सा चमकता चांद, जैसे आसमान के माथे पर सजा मांग टीका, जैसे उम्मीदों की अंगूठी में सजा हीरा, जैसे मन की देहरी पर जगमग दीपक और जैसे जीवन को मजबूती देता विश्वास का उजाला। चांद यूँही कविताओं-कहानियों और किंवदंतियों में प्रेम और माधुर्य का प्रतीक नहीं बन गया। उसके गुणों ने उसे यह स्थान दिलाया है। यह केवल बाहरी रूप सौंदर्य की बात भी नहीं, प्रकृति ने चांद को जो गुण दिए हैं उनके कारण उसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
करवाचौथ का व्रत चांद की खूबसूरती और गुणों को सार्थकता प्रदान करता है। दाम्पत्य जीवन को और मजबूती देने वाला व प्रेम को गहरा बनाने वाला यह व्रत और त्यौहार कई संदेश भी देता है। रिश्तों में हमेशा की ऊर्जा और भरोसे को बनाये रखने का संदेश भी इससे ग्रहण किया जा सकता हैं। इस पर्व के साथ मन को और भी गहराई से जोड़ने का अवसर मिलता है। जानिए कैसे चांद से पा सकते हैं दाम्पत्य को सुदीर्घ और सुखमय बनाये रखने की प्रेरणा।
शीतलता का गुण
रात के काले, घने आसमान में चमकते चांद की आभा ठंडक देने वाली होती है। दिनभर की थकान हो या दो-तीन दिनों से मन पर छाये काले आसमान हों, जब बादलों के छंटने पर चांद दिखाई देता है तो मन को सुकून मिलता है। चांद की यही शीतलता मन और व्यवहार में उतार ली जाए तो जीवन भी और आनंदमय बन सकता है। कभी तकरार, बहस या मनमुटाव के दौरान जब गुस्सा सीमा पार कर जाता है तब यदि इस शीतलता को याद रखा जाये तो बड़े से बड़ा झगड़ा या मनमुटाव टल सकता है क्योंकि अक्सर यही मनमुटाव रिश्तों में दरार का कारण बन जाता है। कोशिश करें कि यदि आपस में प्रेम है, एक दूसरे की परवाह है तो कभी कभार के झगड़े को भी लम्बा न खींचें। बहस हो लेकिन उसका अंत किसी प्रेमपूर्ण समाधान में ही हो। शांति और सुकून जीवन को खुशहाल बनाने में हमेशा मदद करते हैं, याद रखियेगा।
दाग होते हुए भी अद्वितीय
कहानियां हों या नानी- दादी के किस्से। चन्द्रमा को लेकर अनगिनत बातें हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। इसमें से ही एक है चांद पर दाग होने की बात। इन दागों को लेकर भी कई कहानियां हैं लेकिन इसके बावजूद चांद को हमेशा सौंदर्य के उदाहरण के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। कितने ही मुहावरे और पंक्तियाँ हैं, मसलन- चांद जैसा रूप, चांद का टुकड़ा, चार चांद लगाना, ये सब किसी भी व्यक्ति, वस्तु या स्थिति की खूबसूरती और महत्व को प्रदर्शित करने के लिए कहे जाते हैं। इसी तरह दाम्पत्य जीवन में एक-दूसरे के बाहरी रूप की बजाय यदि गुणों को प्राथमिकता दी जाए, प्रेम और भावनाओं का मान रखा जाए तो रिश्ते में बाधा बनने वाली कई समस्याएं जड़ से खत्म हो सकती हैं। आपका पार्टनर कितना केयरिंग है, परिवार के प्रति कितना समर्पित है, हर बात में आपके साथ खड़ा रहता है/रहती है, बस यही बात मायने रखती है। इसकी को ध्यान में रखिये और जीवन को खुशहाल बनाइये।
दीर्घायु का प्रतीक
अक्सर यह नारा लगाया जाता है, जब तक सूरज-चांद रहेगा। इसे किसी व्यक्ति की लम्बी उम्र की कामना से जोड़ा जाता है। कि जैसे आसमान में चांद अनंत वर्षों के लिए है, मेरे प्रियजन की उम्र भी दीर्घायु हो और यहां दीर्घायु होने की कामना शारीरिक स्थिति के अलावा व्यवहारिक उपस्थिति और रिश्तों के दीर्घायु होने की कामना से भी जुड़ी होती है। एक विशेष बंधन में बंधे दम्पति एक-दूसरे का प्रेमपूर्ण और सुदीर्घ साथ चाहते हैं। यही कारण है कि चांद को इस पर्व का विशेष प्रतीक मानकर पूजा जाता है। दीर्घायु या लम्बा साथ होने का यह एहसास एक संबल भी बनता है, जो मुश्किल घड़ी में हौसला बढ़ाता है और सुखद भविष्य के लिए योजनाएं बनाने में मदद करता है, और मिलकर भविष्य के सपने संजोने का मतलब ही तो एक अच्छे रिश्ते को मजबूती से आगे बढ़ाना भी होता है।
चांदनी सी रौशनी
रात में जब आसमान की चादर पर चांद मुस्कुराता है तो एक संतुष्टि, एक सम्पूर्णता का एहसास देता है। यह एहसास होता है चांद की चांदनी के उजास से भर जाने का, एक आश्वस्ति का कि अँधेरे को मिटाने के लिए चांद के भीतर की ऊर्जा वातावरण में फ़ैल गई है। यह एक सकारात्मक सोच है और यही सोच दाम्पत्य जीवन को भी सशक्त बनाती है। जब कभी दुःख या मुश्किल घड़ी का अन्धेरा जीवन के आस-पास घिर जाता है, तब आपके भीतर का उजाला उसे पार करने में मदद कर सकता है लेकिन यह उजाला आपके आपसी प्रेम और विश्वास से फैलता है। इसलिए एक-दूसरे के प्रति समर्पण और विश्वास पर रिश्ता बनाइये, न कि ढेर सारी अपेक्षाओं, शंकाओं और तुलनाओं का। आपके भीतर की सकारात्मक ऊर्जा और रौशनी, दूसरों को भी प्रेरित करेगी।