नई दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले की जांच अब एक कमेटी द्वारा की जाएगी. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी है. कमेटी बनाने के ऐलान के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पेगासस से जासूसी के आरोपों (pegasus snooping allegations) को नकारा भी. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से दो पेज का एफिडेविट दाखिल किया गया है. हलफनामे के मुताबिक सरकार विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाएगी जो इस पेगासस विवाद की जांच करेगी.
Pegasus matter: The Supreme Court has granted 10 days time to the Centre, to make appointments to Tribunals despite recommendations by the selection committees. pic.twitter.com/b2nkVQLRXS
— ANI (@ANI) August 16, 2021
बता दें कि आज सोमवार को पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट में केंद्र सरकार ने उसपर लगे सभी आरोपों को नकारा. केंद्र ने आज पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दायर किया. यह दो पेज का था. केंद्र ने कहा कि उनकी तरफ से कोई जासूसी या अवैध निगरानी नहीं की गई.
हलफनामे में सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम और अन्य याचिकाकर्ताओं के लगाए सारे इल्जाम सिरे से नकार दिए हैं. उनकी याचिका में आरोप थे कि सैनिक प्रयोग के इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सरकार ने पत्रकारों, राजनेताओं, एक्टिविस्ट, नौकरशाहों और न्यायपालिका से जुड़े लोगों की जासूसी के लिए किया.
इससे पहले 10 अगस्त को मसले पर सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर ‘समानांतर कार्यवाही और बहस’ पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि अनुशासन और न्याय प्रणाली में विश्वास होना चाहिए.
इस बार पूरा का पूरा मॉनसून सत्र पेगासस जासूसी मसले पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया. संसद में कुछ अहम बिल पास तो हुए लेकिन किसी पर भी चर्चा नहीं हो पाई. विपक्ष के नेताओं की मांग थी कि सबसे पहले पेगासस पर चर्चा होनी चाहिए.