नई दिल्ली आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बुधवार को कहा कि भारतीय अचल संपत्ति बाजार के बर्ष 2030 तक 1,000 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा अचल संपत्ति क्षेत्र पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पिछले सात वर्षों में बढ़ती मांग और रेरा जैसे विभिन्न सुधारों से यह क्षेत्र इस मुकाम पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या आने वाले वर्षों में बढ़कर 7 करोड़ होने की उम्मीद है। सचिव ने कहा कि इस साल जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित मॉडल किराया कानून को राज्यों को जल्द लागू करने के लिए कहा गया है। सचिव ने कहा, दो-तीन वर्ष पहले अचल संपत्ति क्षेत्र बाजार 200 अरब डॉलर का था। हमें उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक यह क्षेत्र 1,000 अरब डॉलर के कारोबार को छू लेगा। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में इस उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल बातें या अनुमान नहीं है।
कोविड महामारी के कारण संग्रह अनुपात में कमी आई: क्रिसिल
क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान प्रतिभूतिकृत पूल के संग्रह अनुपात में गिरावट देखी गई है। एजेंसी ने कहा कि पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में गिरावट उतनी तेज नहीं रही। इसके दो कारण रहे- स्थानीय प्रतिबंधों ने व्यावसायिक गतिविधि पर प्रभाव को सीमित कर दिया, और कर्ज अदायगी स्थगित नहीं होने का मतलब था कि कजर्दार ऋण अदायगी को टाल नहीं सकते थे। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक और उप मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा कि पहली लहर में संग्रह गिर गया था, क्योंकि ज्यादातर कर्जदारों ने अधिस्थगन राहत का लाभ उठाया और संग्रह कर्मचारी कड़े लॉकडाउन के कारण आवाजाही में असमर्थ थे।
चालू वित्त वर्ष में हस्तशिल्प निर्यात में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद
अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में अच्छी मांग होने के कारण देश के हस्तशिल्प निर्यात में चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने यह जानकारी दी है। हालांकि, ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की स्थिति में यह वृद्धि प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा रुख के मुताबिक, हम चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। निर्यातकों की ऑर्डर बुक अच्छी है और अमेरिका और यूरोप के हमारे प्रमुख बाजारों में अच्छी मांग है। अप्रैल-जून 2021 के दौरान निर्यात पिछले साल की समान अवधि के 1,259.34 करोड़ रुपए से बढ़कर 3,447.71 करोड़ रुपए हो गया है। मल्होत्रा ने कहा कि भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना के तहत कोष जारी करने जैसे सरकारी समर्थन से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में हस्तशिल्प उत्पादों की भारी मांग है और ई-कॉमर्स नए उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स पर अगली विदेश व्यापार नीति में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स निर्यात की सुविधा के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड , डाक विभाग , विदेश व्यापार महानिदेशालय और माल एवं सेवा कर नेटवर्क जैसे कई इंटरफेस के डिजिटल एकीकरण की आवश्यकता है।