सरकार अगले सप्ताह तक बाजार नियामक सेबी के समक्ष जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दस्तावेजों का मसौदा दाखिल कर सकती है। सेबी की मंजूरी के बाद कंपनी का आईपीओ मार्च में आ सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्गम का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि बीमा नियामक की मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद शेयर बिक्री के आकार का विवरण देने वाले दस्तावेजों का मसौदा दाखिल किया जाएगा और सेबी की मंजूरी मिलने के बाद मार्च तक एलआईसी का आईपीओ बाजार में आ सकता है
31 मार्च से पहले पेश हो सकता है आईपीओ
एलआईसी आईपीओ को 31 मार्च 2022 से पहले लाने की योजना है। सरकार एलआईसी के आईपीओ की कीमत कुछ विश्लेषकों के अनुमान से ज्यादा कंजर्वेटिव रख सकती है। सरकार की एलआईसी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है। प्रस्तावित आईपीओ से पहले सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अपनी एसेट क्वालिटी में सुधार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2021 तक 4,51,303.30 करोड़ रुपये के कुल पोर्टफोलियो में से नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) 35,129.89 करोड़ रुपये हैं। सब-स्टैंडर्ड एसेट्स 254.37 करोड़, जबकि डाउटफुल एसेट्स 20,369.17 करोड़ रुपये और लॉस एसेट्स 14,506.35 करोड़ रुपये हैं।
65 वर्षों से सेवाएं दे रहा एलआईसी
गौरतलब है कि एलआईसी 65 से अधिक वर्षों से भारत में जीवन बीमा प्रदान कर रहा है। आकलन के मुताबिक, भारीतय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कुल संपत्ति देश के दूसरे सबसे बड़े निजी बीमाकर्ता, एसबीआई लाइफ की संपत्ति से 16.3 गुना ज्यादा है। इस संबंध में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी 36.7 खरब एयूएम के साथ भारत में सबसे बड़ा परिसंपत्ति प्रबंधक है। इसका एयूएम स्टैंडअलोन आधार पर वित्त वर्ष 2011 के लिए भारत की जीडीपी के 18 फीसदी के बराबर था।