रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर एमआर और मेडिकल संचालक गिरफ्तार

स्पेशल टास्क फोर्स ने मेडिकल संचालक अनुरागसिंह सिसोदिया,एमआर राजेश पाटीदार और ज्ञानेश्वर बारसकर को रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपितों से कोरोविर और हेल्थ बायोटेक कंपनी के 12 इंजेक्शन जब्त हुए है। इंजेक्शन पर कीमत की जगह फॉर एक्सपोर्ट लिखा हुआ है। जिसे आरोपित 20 हजार रुपये तक में बेच रहे थे। आरोपित अनुसार करणी सेना पदाधिकारी का भाई है।

एसपी (एसटीएफ) मनीष खत्री के मुताबिक सूचना मिली थी कि विजयनगर स्थित राज मेडिकल का संचालक अनुराग पुत्र घनश्याम सिंह सिसोदिया निवासी स्कीम-114,कर्मचारी ज्ञानेश्वर पुत्र धनराज बारसकर निवासी रामनगर भमौरी और एमआर राजेश पुत्र जगदीश पाटीदार निवासी न्यू स्टार सिटी राऊ विभिन्न अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों से संपर्क कर रेमेडेसिविर इंजेक्शन निर्धारित दाम से ज्यादा में बेच रहे है।

न‍िरीक्षक श्रीकांत जोशी और सिपाही विवेद द्विदी ने ग्राहक बनकर राजेश पाटीदार से संपर्क किया तो 20 हजार रुपये में एक इंजेक्शन देने के लिए तैयार हो गया। शुरुआत में राजेश को 6 इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया और पिपल्याहाना स्थित कार्यालय में पूछताछ की। राजेश ने बताया वह करणी सेना के पदाधिकारी के भाई अनुराग से इंजेक्शन खरीद कर जरुरतमंदो को बेचता है।

पुलिस ने अनुराग के मेडिकल पर छापा मारा और 6 इंजेक्शन जब्त कर कर्मचारी ज्ञानेश्वर सहित गिरफ्तार कर लिया। एसपी के मुताबिक राजेश पूर्व में सिप्ला कंपनी में एमआर था। फिलहाल अलबट्रा कंपनी में बतौर एमआर काम कर रहा है।

अनुराग के संपर्क में आने के बाद इंजेक्शन की काला बाजारी करने लगा था। आरोपित ने पूछताछ में यह भी बताया कि इसके पहले धार में जरुरतमंदो को महंगे दामों पर इंजेक्शन बेच चुका है। एसपी के मुताबिक जब्त इंजेक्शन कोरोविर और हेल्थ बायोटेक कंपनी कंपनी द्वारा बनाए गए है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उक्त कंपनी रेमेडेसिविर इंजेक्शन बनाने के लिए अधिकृत है या नहीं। यह भी संभावना है कि आरोपित नकली इंजेक्शन का विक्रय कर रहे हो। पुलिस ने ड्रग विभाग को पत्र लिखा है।

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