बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं इस साल मई में आयोजित होंगी, लेकिन उससे पहले स्टूडेंट्स के पास इंजीनियरिंग से जुड़ी कई प्रवेश परीक्षाएं देने का मौका रहेगा। फिलहाल स्टूडेंट्स का फोकस इन्हीं प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी पर है, क्योंकि अधिकांश परीक्षाओं के शेड्यूल जारी हो रहे हैं। जेईई मेन की परीक्षा फरवरी से लेकर मई तक होंगी और इस बीच वेल्लोर इंस्टीट्यूट, एसआरएम की प्रवेश परीक्षाएं होंगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्टूडेंट्स के पास पर्याप्त समय है कि वे बारहवीं बोर्ड व इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी को बराबर समय दे सकते हैं। इसलिए अभी से सिलेबस को अच्छी तरह से डेडलाइन बनाकर बांट लें, ताकि परीक्षा के समय किसी तरह की दिक्कत न हो। प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों के मुताबिक सिलेबस को रिवीजन करना शुरू कर दें या जो टॉपिक्स छूट गए हैं, उन्हें समय रहते पूरे कर लें। वहीं अन्य संस्थानों से बी.डिजाइन, बीफार्मा, बीबीए, बीसीए सहित अन्य यूजी कोर्सेस के लिए भी प्रवेश परीक्षाएं होंगी।
12 वीं वाले जनवरी-फरवरी जेईई पर फोकस करें
कोचिंग को अल्टरनेट डे पर शुरू करेंगे। कुछ स्टूडेंट्स एक दिन आॅनलाइन पढ़ेंगे, बाकी कोचिंग आएंगे। फिर यही रोटेशन चलता रहेगा। हम 400 स्टूडेंट्स की कैपेसिटी वाले हॉल में लगभग 100 स्टूडेंट्स ही बिठाएंगे। यह कहना है, जेईई एक्सपर्ट मितेश राठी का। वे कहते हैं, अभी स्टूडेंट्स को सुझाव है कि जो बारहवीं की परीक्षा देंगे वे जनवरी व फरवरी वाले एग्जाम पर फोकस करें, क्योंकि तब बोर्ड एग्जाम दूर होंगे। वहीं ड्रॉपर्स को कहा जा रहा है कि वे अप्रैल और मई वाले सेशन पर फोकस करें, क्योंकि सितंबर से उनका बैच शुरू हुआ था तो अभी उन्हें रिवीजन में समय लगेगा। इस तरह प्लानिंग करेंगे तो परिणाम अच्छे होंगे। कोचिंग पर बारहवीं के सिलेबस को पूरा करा चुके हैं। वहीं, जेईई का रिवीजन शुरू हो चुका है।
बोर्ड की तैयारी के लिए पर्याप्त समय
बोर्ड की तैयारी स्कूल से कराई जा रही है। हमनें ढाई घंटे का प्री-बोर्ड एग्जाम भी लिया। स्टूडेंट्स को दोनों विकल्प दिए गए कि वे घर या स्कूल से पेपर सॉल्व करके दें। मई में बोर्ड एग्जाम होने से स्टूडेंट्स को बारहवीं की तैयारी व रिवीजन करने का पर्याप्त समय मिल गया है। इस समय का इस्तेमाल वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कर सकते हैं, लेकिन हर दिन कोशिश करें कि बारहवीं की राइटिंग प्रैक्टिस के लिए भी समय निकालें।