नई दिल्ली। बाबा रामदेव की अगुवाई वाले पंतजलि समूह ने मंगलवार को कहा कि उसका कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 30,000 करोड़ रुपए रहा। इसमें रुचि सोया से होने वाला 16,318 करोड़ रुपए का कारोबार शामिल है। पतंजलि ने ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण पिछले वित्त वर्ष में किया था। रामदेव ने आनलाइन’ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पतंजलि समूह का लक्ष्य अपनी कंपनियों को अगले तीन-चार साल में कर्ज मुक्त बनाना है। रुचि सोया के प्रस्तावित अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) से प्राप्त राशि में से बड़े हिस्से का उपयोग कर्ज भुगतान में किया जाएगा। रुचि सोया के ऊपर 3,300 करोड़ रुपए का कर्ज है। उन्होंने दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली समूह की इकाई पतंजलि आयुर्वेद को सूचीबद्ध कराने का संकेत दिया। हालांकि, इसके लिये कोई समयसीमा नहीं बतायी। वित्त वर्ष 2020-21 में पंतजलि आयुर्वेद का कारोबार 9,783.81 करोड़ रुपए रहा। पंतजलि नैचुरल बिस्कुट का कारोबार 2020-21 में 650 करोड़ रुपए जबकि दिव्य फार्मेसी का कारोबार 850 करोड़ रुपए रहा। समूह की खाद्य प्रसंस्करण इकाई पंतजलि एग्रो का कारोबार इस दौरान 1,600 करोड़ रुपए रहा। पतंजलि परिवहन और पंतजलि ग्रामोद्योग का कारोबार 2020-21 में क्रमश: 548 करोड़ रुपए और 396 करोड़ रुपए रहा। समूह की इकाई रुचि सोया इंडस्ट्रीज के प्रदर्शन के बारे में रामदेव ने कहा, रुचि सोया के मामले में हमारी वृद्धि 24 प्रतिशत रही। जबकि पंतजलि के मामले में हमारा कारोबार बढ़कर 2020-21 में 14,000 करोड़ रुपए हो गया जो 2019-20 में 11,000 करोड़ रुपए था। हमने अपनी कंपनियों में 10 से 24 प्रतिशत तक की वृद्धि हासिल की है। कोरोना वायरस महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा, इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा। समूह रुचि सोया का एफपीओ लाने की तैयारी में है और इससे करीब 4,300 करोड़ रुपए जुटने की उम्मीद है। हालांकि, रुचि सोया में पतंजलि की हिस्सेदारी कम किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। रामदेव ने कहा, हमने सेबी के पास दस्तावेज जमा किये हैं और जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। कंपनी की निवेश योजना के बारे में उन्होंने कहा, आने वाले पांच साल में हम 5,000 से 10,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को न्यूतम स्तर की निेवेश श्रेणी में कायम रखा
नई दिल्ली। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने लगातार 14वें साल भारत की रेटिंग को निवेश श्रेणी के न्यूनतम स्तर बीबीबी- (ट्रिपल बी माइनस) पर कायम रखा रहा है और आगे की संभावनओं को स्थायित्वपूर्ण बताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि सरकार को अगले 24 माह के दौरान अधिक अतिरिक्त कोष की जरूरत होगी, लेकिन भारत की मजबूत बाह्य स्थिति (विदेशी मुद्रा भंडार) वित्तीय दबाव के समक्ष बफर का काम करेगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि भारत की सरकारी वित्तीय साख का यह स्तर देश की अर्थव्यवस्था दीर्घावधि की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की औसत से ऊपर रहने, मजबूती बाह्य स्थिति की पृष्ठभूमि, नयी उभरती मौद्रिक परिस्थियों को दर्शाती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक संस्थान नीतिगत स्थिरता और सहमति को प्रोत्साहन देते हैं ।