होलिका दहन से एक दिन पहले चोरल का जंगल जल गया। दस घंटों के भीतर दो अलग-अलग स्थानों पर आग लगी। बुझाने में वनकर्मियों और ग्रामीणों को काफी मशक्कत करना पड़ा। करीब पच्चीस हेक्टेयर से ज्यादा का जंगल को नुकसान हुआ है। खासबात यह है कि वनकर्मी की लापरवाही सामने आई है। अधिकारियों को शिकायत के बाद अब मामले की जांच शुरू हो गई है। उधर सीसीएफ ने आग का कारण बताने को कहा है।
खंडवा रोड स्थित शनि मंदिर (चोरल रेंज के नजदीक) से एक किमी दूर शनिवार को आग (कक्ष क्र. 155) लगी। इसके बारे में ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर रघुवीर यादव को सूचना दी, लेकिन घटना को गंभीरता से नहीं लिया। बाद में ग्रामीणों ने रेंजर मुकेश अलावा को पूरी जानकारी दी। तब उन्होंने चोरल रेंज का स्टाफ आग बुझाने के लिए भेजा। रात साढ़े नौ बजे वनकर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश शुरू की। सुखी घास होने से आग ने विकल्प रूप ले लिया। रात को आग पर काबू पाने के लिए 22 वनकर्मी व ग्रामीण तीन घंटे तक मशक्कत करते रहे। मगर रविवार सुबह होते ही मंदिर के पीछे फिर आग की सूचना मिली। इसके बाद वन विभाग में हंड़कंप मच गया। सीसीएफ एचएस मोहंता ने उड़नदस्ता दल को भेजा।
टीम सुबह साढ़े आठ बजे रवाना हुई, जो घंटेभर पर में घटना स्थल पर पहुंचे। मगर उसे पहले चोरल का स्टाफ ने आग बुझाने की प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन आग वनक्षेत्र के काफी हिस्से में लग चुकी थी। ये देखकर आस-पास के ग्रामीण भी आगे बुझाने आए। करीब 30 से ज्यादा लोग आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। काफी देर बाद डिप्टी रेंजर यादव घटनास्थल पर पहुंचे। इसे लेकर इंदौर वनमंडल के अधिकारी भी नाराज हुए। एसडीओ एके श्रीवास्तव का कहना है कि शरारती तत्वों ने दो स्थान पर जंगल में आग लगाई है। आग ने विकराल रूप ले लिया था। इस आग को बुझाने के लिए ग्रामीणों ने भी मदद की।
करेंगे जांच
आग लगाने का कारण पता किया जा रहा है। घटना को लेकर निश्चित रूप से जांच की जाएगी। फिलहाल इस मामले में आग लगाने की जांच की जा रही है।
– एचएस मोहंता, सीसीएफ, इंदौर वृत्त