मयंक की गेंदबाजी ने सुपौल जिले को किया गौरवान्वित, मयंक के पैतृक गांव में खुशी की लहर।

लोकेशन -सुपौल
रिपोट-डेस्क

मयंक की गेंदबाजी ने सुपौल जिले को किया गौरवान्वित, मयंक के पैतृक गांव में खुशी की लहर।

महज 21 साल की उम्र में मैच का रुख अपनी टीम की और मोड़ने वाले युवा बॉलर मयंक यादव सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के रतहो गांव का निवासी है। मयंक ने क्रिकेट में कुछ ऐसा काम कर दिखाया जो क्रिकेट के इतिहास में बड़े से बड़े

दिग्गज भी इस उम्र में नही कर सके। शनिवार को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में पंजाब व लखनऊ के बीच हुए आईपीएल के मैच में लखनऊ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 199 रन बनाए जबाब में उतरी पंजाब की टीम दस ओवर तक बिना विकेट खोये 100 रन बना चुकी थी मैच पंजाब टीम की तरफ जाता दिखाई दे रहा था उसी वक्त कप्तान निकोलस पूरन ने गेंद डेब्यू कर रहे मयंक के हाथों में दी। जिसके बाद पहले ही प्रयास में मयंक ने अपनी बॉलिंग की गति से बैट्समैन को परेशान करना शुरू कर दिया जल्द ही मयंक को सफलता मिली और बेरिस्टो को आउट कर दिया। अपने चार ओवर के स्पेल में मयंक ने 27 रन खर्च किये और तीन विकेट प्राप्त किया। सबसे बड़ी बात यह रही कि विश्व मे सबसे तेज फेंके जाने वाली बॉल डालकर मयंक यादव सुर्खियों में छा गया। मयंक ने 156 किमी की स्पीड से गेंद फेंक कर कीर्तिमान रच दिया। बिहार के लाल की चर्चा अब बड़े बड़े दिग्गज कर रहे है। वहीं मयंक के इस प्रदर्शन से सुपौल जिले के लोग भी गौरवान्वित हो गए हैं।
मालूम हो कि मरौना प्रखंड के मरौना दक्षिण पंचायत के वार्ड 05 स्थित रतहो गांव निवासी प्रभु यादव का पुत्र मयंक कुमार यादव है । मयंक के चाचा फूल कुमार यादव ने बताया कि मयंक के पिता प्रभु यादव युवावस्था में ही दिल्ली चले गए। करीब 25 वर्ष से प्रभु यादव अपने पूरे परिवार के साथ तब से ही दिल्ली में रहते हैं। कभी कभार गांव आते रहे हैं। मयंक का जन्म भी दिल्ली में ही हुआ है।मयंक के इस कामयाबी पर उसके पैतृक गांव के लोग काफी खुश हैं।

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