सरकारी स्कूल का हाल बेहाल, टपकती छत के नीचे पढ़े या किताबे भीगने से बचाए,स्कूल की छत से रिस रहा पानी, फिर भी बच्चों को पढ़ाना मजबूरी,बालिकाओं ने बताया कि मटन दुकान की आती है बदबू

रिपोर्ट – गणेश सोलंकी

भूलगांव/ शासकीय प्राथमिक स्कूल ग्राम भूलगांव का भवन खस्ताहाल है। छत कभी भी जमींदोज हो सकती है। इसके बाद भी स्कूल के शिक्षक इसी भवन में बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर है। 4 साल से नए भवन की मांग भी की जा रही है, लेकिन आज तक अधिकारियों ने सुध नहीं ली है। तीनों कमरों के इस स्कूल भवन की छत से बारिश का पानी गिरता है और बच्चे पानी में ही बैठते है। स्कूल में चार कमरे है चारो कमरे पानी में गिले है बच्चे गीली टाटपट्टी पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे है। दीवारों में पानी की शिलन अति हैं। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की चिंता और बढ़ रही है। ऐसा भी नहीं है कि इस संबंध में बड़वाह के विभागीय अधिकारियों को सूचना नहीं है। शाला के शिक्षकों ने दो बार पत्र के माध्यम से बड़वाह बीआरसी, बीईओ व संकुल प्राचार्य को सूचना दी, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है। शाला के शिक्षकों ने बताया सन 2020 से पत्राचार कर रहे हैं। शिक्षक शर्मा ने बताया भवन की छत पर गड्ढे हो गए है। बारिश के दिनों में छत से पानी रिसता है। इसकी मरम्मत के लिए भी विभाग को पत्र भेजा गया है। यदि छत की मरम्मत के लिए राशि आ जाए तो विद्यार्थियों को बारिश के दिनों में कोई परेशानी नहीं आएगी।अभी हम लोगो ने प्लास्टिक की पन्नी डाल रखी है लेकिन पानी फिर भी रिसेगा। इससे समस्या का पूरी तरह समाधान नहीं होगा। स्कूल में पानी पीने की व्यवस्था तक नहीं है। बच्चो को पास के हेडपंप से बाल्टी भर कर लाना पड़ता है। लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है। पास में पानी कि मोटर डाल रखी है मोटर खराब होने के बाद किसी ने सुधारवाई तक नहीं है।

बिना लाइसेंस के मटन दुकान

शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय के पास मटन बेच रहा है। गंदगी, उसी के बीच पढ़ने को बच्चे मजबूर हो रहे है। वही बेड़ियां संकुल से लगी ग्राम पंचायत भूलगांव में स्थित प्राथमिक स्कूल के चारों ओर गंदगी फैली हुई है। क्योंकि यहां पर बगैर लाइसेंस की मटन दुकान चल रही है स्कूल ओर साख सहकारी संस्था के पास में हारी नेट बांद कर मटन बेच रहा है। मटन का जो कचरा निकलता है वो भी वही फेक देते है।

इसके पास से होकर विद्यार्थियों को स्कूल जाना पड़ता है। इससे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। बालिकाओं ने बताया कि मटन की बहुत बदबू आती है। एक ओर प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य शहर, नगर, कस्बा, पंचायत व गांव के सभी सार्वजनिक स्थलों व घरों के आसपास सफाई रखने का है, लेकिन दूसरी ओर संबंधित विभाग के अफसर व कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां गंदगी के कारण बच्चों का पढ़ना मुश्किल हो रहा है।

जिम्मेदार बोले

मटन दुकान के संबंध में अधिकारी ने बताया शिक्षको ने आवेदन देना चाहिए हमे कोई सपना थोड़ी आता है मटन दुकान के संबध में हमे कोई जानकारी नहीं है आवेदन देंगे तब हम पत्र लिखेंगे। पत्र बना कर दे देते है जिले में हमारे पास इसका कोई एलॉटमेंट तो रहता नही है अब ऑनलाइन रहता है जो भी होगा ऑनलाइन होगा 150 स्कूलों का भेजा हुआ है 5 से 7 प्रतिशत सेंक्शन होता है ।
मेवाराम बर्मन बीआरसी बड़वाह

स्कूल प्राचार्य ने बताया कि में पिछले चार साल से पत्राचार कर रहा हु। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ और पानी के लिए मेने मजदूर को बोल दिया है मोटर डाल कर सही कर देंगे।
स्कूल प्राचार्य विजय शर्मा

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